श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलेंगे 12 मई को ब्रह्ममुहुर्त प्रातः 6 बजे, हुआ ऐलान
1 min readबदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तारीख परंपरागत रूप से राजमहल नरेंद्र नगर में तय हो गयी है । बसंत पंचंमी के दिन सुबह धार्मिक समारोह शुरू होने के साथ ही पूजा-अर्चना, पंचाग गणना के बाद श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट खोलने की तारीख का ऐलान किया गया। तेल-कलश यात्रा की भी तिथि 25 अप्रैल को तय हो गयी है। केदारनाथ धाम के कपाट खोलने की तारीख 8 मार्च को शिवरात्रि के दिन तय होगी। पंच केदार गद्दस्थल श्री ओकारेश्वर मंदिर उखीमठ; रूद्रप्रयाग में विधि-विधान पंचांग गणना के बाद कपाट खोलने की तारीख का ऐलान होगा। इसी दिन श्री केदारनाथ भगवान के पंचमुखी भोगमूर्ति के केदारनाथ धाम प्रस्थान का भी कार्यक्रम तय हो जायेगा। इस वर्ष अक्षय तृतीया शुक्रवार 10 मई को है परंपरागत रूप से गंगोत्री एवं यमुनोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीया को खुलते है। अप्रैल माह में श्री गंगोत्री मंदिर समिति एवं श्री यमुनोत्री मंदिर समिति श्री गंगोत्री एवं यमुनोत्री धाम के विधिवत कपाट खुलने की तिथि एवं समय का ऐलान करेंगे। चारधाम यात्रा के शुरू होने से पहले ही प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दीं हैं। सड़कों के ठीक करने के साथ ही बुनियादी सुविधाओं का सुदृढ़ किया जा रहा है। इससे पहले श्री डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत के पदाधिकारी- सदस्यों ने तेल कलश राजदरबार के सुपुर्द किया। इसी कलश में राजमहल से तिलों का तेल पिरोकर 25 अप्रैल तेल कलश यात्रा राजमहल से शुरू होकर कपाट खुलने की तिथि पर भगवान श्री बदरीविशाल के अभिषेक हेतु श्री बदरीनाथ धाम पहुंचेगी। श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मन्दिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा कि बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि तय होते ही मंदिर समिति आगामी बजट में यात्री सुविधाओं हेतु पर्याप्त बजट का हो प्रावधान करेगी।उन्होंने श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि तय होने के अवसर पर सबको बधाई दी। कपाट खुलने की तिथि तय होने के अवसर पर मुकुंदानंद महाराज डिमरी पंचायत अध्यक्ष आशुतोष डिमरी,मंदिर समिति सदस्य वीरेंद्र असवाल, श्रीनिवास पोस्ती, पुष्कर जोशी भास्कर डिमरी,राजपाल जड़धारी, हरीश डिमरी, विनोद डिमरी,सुरेश डिमरी, मुख्यकार्याधिकारी योगेंद्र सिंह, अनुसचिव धर्मस्व रमेश रावत,धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल, अधिशासी अभियंता अनिल ध्यानी, निजी सचिव प्रमोद नौटियाल,मीडिया प्रभारी डा.हरीश गौड़, माधव नौटियाल, संजय डिमरी, ज्योतिष डिमरी आदि मौजूद रहे।