धर्म-कर्म: अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी ने किया दस महाविद्याओं का पूजन
1 min read51 कन्याओं का पूजन कर नवरात्र अनुष्ठान का पारायण किया
हरिद्वार। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष एवं श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने दक्ष महादेव मंदिर में दस महाविद्याओं और 51 कन्याओं का पूजन कर नवरात्र अनुष्ठान का पारायण किया। इस दौरान श्रीमहंत रविंद्रपुरी ने दस महाविद्याओं की प्रतिमाओं का पूर्ण विधि विधान से पूजन कर अनावरण भी किया। श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि प्रथम नवरात्र से दक्ष मंदिर में 31 विद्वान पंडितों के सानिध्य में विशेष अनुष्ठान का आयोजन किया गया था। जिसमें प्रतिदिन मां भगवती के अलग-अलग स्वरूपों का पूजन किया गया। उन्होंने कहा कि नवरात्र में शक्ति आराधना का विशेष महत्व है। नवरात्रों में शक्ति स्वरूपा मां भगवती की आराधना करने से व्यक्ति के सभी कष्ट और संकट दूर हो जाते हैं। मां की कृपा से सद्मार्ग पर चलने की प्रेरणा मिलती है। जिससे कल्याण का मार्ग प्रशस्त होता है। परिवार में सुख समृद्धि का वास होता है। प्रत्येक कार्य में सफलता मिलती है। उन्होंने कहा कि सभी को नवरात्र में मां भगवती की आराधना अवश्य करनी चाहिए। साथ ही देवी स्वरूपों का कन्याओं का पूजन कर उनके संरक्षण संवर्द्धन का संकल्प लेना चाहिए। इस दौरान महंत सूर्यमोहन गिरी,महंत सत्यम गिरी,महंत सुरेंद्र पुरी, स्वामी कृष्णानंद गिरी सहित कई श्रद्धालु भक्त मौजूद रहे। वही दूसरी ओर नवरात्रों के अवसर पर ताड़केश्वर धाम में आयोजित विशेष अनुष्ठान के समापन पर श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए गौ गंगा धाम सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष स्वामी निर्मल दास महाराज ने कहा कि मां दुर्गा अपने भक्तों पर सदैव कृपा बरसाती है। उन्होंने कहा कि नवरात्र दुष्टों का नाश कर भक्तों की रक्षा करने वाली मा दुर्गा की आराधना का महापर्व है। नवरात्रों में नौ दिनों तक मां दुर्गा की आराधना और पूजन करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। नवरात्रों में देवी भगवती के सभी स्वरूपों की आराधना और कन्या पूजन करने से मां भगवती अत्यन्त प्रसन्न होती है और भक्तों की सभी मुरादें पूरी करती हैं। उन्होंने कहा कि नवरात्रों के अवसर पर किए गए विशेष अनुष्ठान का मानव जीवन और देश दुनिया पर सकारात्मक प्रभाव होगा। वातावरण में व्याप्त नकारात्मकत दूर होगी और सकारात्मकता व्याप्त होगी। इस अवसर पर स्वामी रविदेव शास्त्री, स्वामी सुतिक्ष्ण मुनि,स्वामी दिनेश दास,स्वामी हरिहरानंद,स्वामी कपिल मुनि सहित कई संत व श्रद्धालु भक्त मौजूद रहे।