कॉवड़ मेले के अन्तिम दिन बड़ी संख्या में श्रद्वालु गंगाजल लेकर हुये रवाना
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22 जुलाई से जारी श्रावण के प्रसिद्ध कॉवड़ मेला का आज समापन हो गया
हरिद्वार: कांवड़ मेला के अन्तिम दिन स्थानीय श्रद्धालुओं के साथ-साथ आसपास के क्षेत्र से आए बड़ी संख्या में कांवड़ियों ने भी कॉवड़ उठाकर अपने गंतव्य की ओर रवाना हुये। डाक कांवडिया तड़के से ही अपने गंतव्य की ओर रवाना हो गये। इसके साथ ही इस बार पिछले वर्ष की तुलना में अधिक कॉवड़ियें पहुचे। बताते चले कि पिछले 22 जुलाई से जारी श्रावण के प्रसिद्ध कॉवड़ मेला का आज समापन हो गया। इस दौरान करोड़ों श्रद्धालुओं ने हरिद्वार से गंगाजल लेकर अपने-अपने गंतव्य की ओर रवाना हुए,जहां उन्होंने शिवालियों में जलाभिषेक कर सुख समृद्धि की कामना की। पुलिस प्रशासन की माने तो इस वर्ष कुल चार करोड़ चौदह लाख चालिस हजार 41440000 कॉवड़िया पहुंचे। इस दौरान कुल 221लोगों के डूबने की घटना हुई,जिनमें से 214 को बचा लिया गया, पांच की मृत्यु हो गई,जबकि दो अभी भी लापता बताया जा रहा है। मेले के दौरान 22 जुलाई से लेकर 2 अगस्त तक कुल 942 श्रद्धालु गुम हो गए थे जिनमें से 789श्रद्धालुओं को ढूंढ लिया गया शेष की तलाश जारी है। इसी तरह दुर्घटना में इस दौरान 68 कांवड़िये घायल हो गए जबकि 10लोगों की मृत्यु हो गई। डाक कांवड़ के दौरान आग लगने से दो दोपहिया वाहन जलकर राख हो गई। पुलिस की ओर से जारी ऑकड़ो के अनुसार इस वर्ष आने वाले कॉवड़ियों की संख्या पिछले वर्ष की तुलना में ज्यादा रही। इस वर्ष मेला को सकुशल सम्पन्न कराने के लिए 5000 से अधिक सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया था जिनमें पुलिस अधिकारी के अलावा पीएसी अर्द्वसैनिक बलों के अलावा अन्य सुरक्षाकर्मी शामिल रहे।