तीज त्यौहार का अत्यधिक सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व
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हरिद्वार। राष्ट्रीय मानव अधिकार संरक्षण समिति की राष्ट्रीय सचिव रेखा नेगी ने हरियाली तीज की पूर्व संध्या पर कहा कि भारतवर्ष त्योहारों का देश है। तीज का पर्व भी इन्हीं में से एक है। सनातन धर्म में इस पर्व का विशेष महत्व है। महिलाओं द्वारा मनाए जाने वाले त्योहारों में से हरियाली तीज प्रमुख है। हरियाली तीज का पर्व हर साल सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं पति की लंबी उम्र की कामना के लिए व्रत करती है। वहीं अविवाहित महिलाएं मनचाहे वर की प्राप्ति के लिए आदिदेव महादेव और मां पार्वती की पूजा अर्चना करती हैं। तीज त्यौहार का अत्यधिक सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व है,जो समाज में महिलाओं के महत्व को उजागर करता है। उपवास,प्रार्थना और उत्सवों के माध्यम से,महिलाएं अपने रिश्तों का सम्मान करने और सौहार्दपूर्ण विवाह के लिए आशीर्वाद मांगने के लिए एक साथ यह पर्व मनाती हैं।उन्होंने कहा कि सावन का महीना भगवान शिव की आराधना के साथ ही कई व्रत-त्योहारों के लिए भी काफी लोकप्रिय हैद्य इस माह कई ऐसे त्योहार आते हैं जो कि जीवन में खुशियां को संकेत देते हैं और इनमें सबसे महत्वपूर्ण हरियाली तीज का पर्व है। जो कि विशेष तौर पर दिल्ली,हरियाणा,राजस्थान,पश्चिमी उत्तर प्रदेश और पंजाब में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस दौरान कई जगहों पर मेलों का आयोजन होता है और महिलाएं मिलकर खूब मस्ती करती हैंद्य हरियाली तीज के दिन महिलाएं अपने ससुराज से मायके जाकर सज-धज कर श्रृंगार कर झूला झूलती हैं और खूब मस्ती करती हैं। इसके अलावा कई जगहों पर इस दिन सुहागिन महिलाएं व्रत करती हैं। कहते हैं कि हरियाली तीज का व्रत अखंड सौभाग्य की प्राप्ति और दांपत्य जीवन में खुशहाली के लिए रखा जाता है। उन्होंने कहा कि तीज त्यौहार का अत्यधिक सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व है,जो समाज में महिलाओं के महत्व को उजागर करता है। उपवास,प्रार्थना और उत्सवों के माध्यम से,महिलाएं अपने रिश्तों का सम्मान करने और सौहार्दपूर्ण विवाह के लिए आशीर्वाद मांगने के लिए एक साथ यह पर्व मनाती हैं।