राज्य सरकारों ने आदिवासी पत्रकारों के साथ किया सौतेला व्यवहार: बीएसपीएस
1 min read◾खींचो न कमानों को न तलवार निकालो ,जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालो
◾विश्व आदिवासी दिवस की पूर्व संध्या पर किया गया जनजातिय पत्रकारों को सम्मानित।
चाईबासा : चाईबासा के वनपाल प्रशिक्षण केंद्र सभागार में विश्व आदिवासी दिवस की पूर्व संध्या पर भारती श्रमजीवी पत्रकार संघ की झारखंड राज्य इकाई झारखंड जर्नलिस्ट एसोसिएशन एवं झारखंड जर्नलिस्ट वेलफेयर एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में पत्रकारों की एक कार्यशाला सह मिलन समारोह का अयोजन किया गया। कार्यशाला का विषय “आदिवासियों के लिए मुख्यधारा की मिडिया की बेरुखी” पर प्रकाश डालते हुए राष्ट्रीय महासचिव शाहनवाज़ हसन ने कहा कि झारखंड में आदिवासी समाज की मिडिया में भागीदारी एक प्रतिशत भी नहीं है। श्री हसन ने कहा कि मुख्यधारा की मिडिया के साथ साथ राज्य सरकारों ने भी आदिवासी पत्रकारों के साथ सौतेला व्यवहार किया है, कोल्हान प्रमंडल में दो दशक से अधिक समय से वर्षों से पत्रकारिता कर रहे किसी एक पत्रकार की सरकार ने मान्यता नहीं दी है। आदिवासी एवं जनजातीय विकास के नाम पर हजारों करोड़ हर वर्ष बजट में आवंटित किए जाते रहे हैं उस बजट में जनजातीय पत्रकारों के नाम पर एक रुपए नहीं दिए जाते हैं। श्री हसन ने कहा कि कोल्हान प्रमंडल मुख्यालय में पत्रकारों से प्राप्त जानकारी से वे आश्चर्यचकित हैं, जिला प्रशासन द्वारा नियमित प्रेस कांफ्रेंस पर प्रतिबंध है, पत्रकारों को जिला प्रशासन की विज्ञप्ति थमा दी जाती है, उन्हें क्रॉस प्रश्न करने की अनुमति नहीं है। अपातकाल की तरह सरकारी योजनाओं से संबंधित खबरों को पत्रकार प्रकाशित करने को मजबूर हैं। उन्हों ने पत्रकारों से आह्वान किया कि आप निर्भीक निष्पक्ष पत्रकारिता करें, किसी अधिकारी की धमकी से नहीं डरें।मिडिया चौथे स्तंभ के रुप में लोकतंत्र के तीनों स्तंभों के लिए आई वॉच की भूमिका सदैव निभाता रहेगा। इस अवसर पर झारखंड जर्नलिस्ट वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र ज्योतिषी ने कहा कि देश भर में सैंकड़ों पत्रकार संघ हैं जो पत्रकार हितों की रक्षा की दावेदारी करते हैं लेकीन उन संगठनों की भीड़ में एक मात्र पत्रकार संगठन भारती श्रमजीवी पत्रकार संघ है जो पत्रकार हितों की रक्षा के लिए निरंतर कार्य कर रहा है। श्री ज्योतिषी ने कहा कि झारखंड जर्नलिस्ट वेलफेयर एसोसिएशन ने भारती श्रमजीवी पत्रकार संघ से संबद्धता ली है और राष्ट्रीय स्तर पर एसोसिएशन के सभी साथी बीएसपीएस से जुड़ गए हैं। पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने की आवाज़ को मजबूती प्रदान करने के लिए हम सभी एकजुट हो गए हैं। उन्हों ने कहा कि जबतक हम बिखरे रहेंगे तब तक हमारी आवाज़ को अनसुना किया जाता रहेगा, पत्रकारों की एकजुटता आज समय की मांग है। इस अवसर पर विशिष्ठ अतिथि के रूप में शैलज सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि पत्रकार बुद्धिजीवी वर्ग से आते हैं उसके बाबजूद वे आपस में बंटे हुए हैं, उन्हें अधिवक्ताओं से सीख लेनी चाहिए कि वह आपसी प्रतिस्पर्धा के बाबजूद किस तरह संगठित रहते हैं। श्री सिंह ने कहा कि संगठन में ही शक्ति है यह सभी जानते हैं उसके बाबजूद आज सबसे अधिक बिखराव लोकतंत्र के चौथे स्तंभ में देखने को मिलता है। उन्हों ने भारती श्रमजीवी पत्रकार संघ के राष्ट्रीय महासचिव शाहनवाज़ हसन के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि पत्रकारों के लिए पिछले एक दशक से अधिक समय से वे लगातार संघर्ष कर रहे हैं, आज उनके संघर्ष से आंचलिक पत्रकार स्वयं को सुरक्षित महसूस कर रहे हैं। इस अवसर पर प्रदेश संयुक्त सचिव नीला सेनगुप्ता, राष्ट्रीय पार्षद ललन पाण्डेय, प्रदेश संगठन सचिव मनोज स्वर्णकार, प्रदेश संयुक्त सचिव सुरेंद्र मार्डी, सरायकेला जिला अध्यक्ष उपेन्द्र महतो, जिला सचिव महानंद प्रधान राजनगर प्रखंड अध्यक्ष पितांबर सोय, जेजेडब्लूए के गणेश बारी, हाथीराम मुंडा, दिनेश सिंकू, पश्चिम सिंहभूम जिला अध्यक्ष राहुल शर्मा, जेजेडब्लूए प्रदेश सचिव मनोज सिंह, जेजेडब्लूए प्रदेश सचिव रवि कुमार, सहित अन्य पत्रकारों ने अपने विचार रखे।प्रदेश उपाध्यक्ष जेजेडब्लूए प्रताप प्रमाणिक संयुक्त सचिव सुनील शर्मा, संस्थापक मधुरेश वाजपेयी, रोहित ठाकुर कार्यक्रम का संचालन पूर्व पत्रकार सह कवि सुभाष तिवारी ने किया।
इस समारोह में कूल सात आदिवासी समुदाय से आने वाले सिंहभूम में पत्रकारिता कर रहे हैं पत्रकारों को सम्मानित किया गया।इनमे मुख्य रूप से लगभग 22 वर्षों से पश्चिमी सिंहभूम के नवामुंडी में पत्रकारिता कर रहे हाथी राम मुंडा हाट गम्हरिया के युवा पत्रकार दिनेश सिंकू, चक्रधरपुर के कर्मठ पत्रकार राहुल हेम्बरम्, राजनगर के वरिष्ठ पत्रकार सुरेन्द्र मारडी, पितांबर सोय,जग्गनाथपुर के वरिष्ठ पत्रकार लगेश बिरुआ, तांत नगर में लगभग 15 सालो से पत्रकारिता कर रहे गणेश बारी, और सूर्य सिंह हेमब्रम के नाम शामिल हैं।कार्यक्रम की सबसे खास बात यह रही कि संयुक्त सिंहभूम में 80 के दशक में पत्रकारिता को नई ऊचाई देने वाले संघर्षशील पत्रकार रहे स्व महेश कुंकल की याद में हर वर्ष *कुंकल पत्रकारिता सम्मान* देने की घोषणा की गई।इस कार्यशाला में पूर्वी सिंहभूम, पश्चिम सिंहभूम एवं सरायकेला जिला के पत्रकार शमिल हुए।