कलियुग का अंत और सतयुग का आगमन: स्वामी विज्ञानानंद सरस्वती
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हरिद्वार: महामंडलेश्वर स्वामी विज्ञानानंद सरस्वती जी ने हाल ही में हरिद्वार के राजा गार्डन आश्रम में कथा को संबोधित करते हुए कलियुग के अंत और आने वाले सतयुग के बारे में गंभीर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि कलियुग का अंत मानवता के लिए एक बड़ा खतरा बनकर उभर रहा है। विश्व की जनसंख्या में भारी गिरावट आने की संभावना है, और केवल सदाचारी और स्वस्थ विचारधारा वाले लोग ही आने वाले सतयुग में प्रवेश कर पाएंगे।
विष्णु गार्डन स्थित श्रीगीता विज्ञान आश्रम में श्रावणी के अवसर पर पधारे श्रद्धालुओं से सृष्टि के संचालन और मानवता के भविष्य की जानकारी साझा करते हुए स्वामी विज्ञानानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि धर्म से ही कर्म, व्यवहार और जीवन शैली की शिक्षा तथा मार्गदर्शन प्राप्त होता है। धर्म के सापेक्ष आचरण करने वाला सत्पुरुष ही सदाचारी एवं श्रेष्ठ विचारधारा के आधार पर प्रत्येक युग में शीर्ष पर रहा है। युग, समय और सत्ता सभी परिवर्तनशील होते हैं। सतयुग से कलियुग तक घटित घटनाओं का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि सतयुग में देवताओं एवं दैत्यों की प्रतिद्वंता रही हो या त्रेता का रामायणकाल अथवा द्वापर का महाभारतकाल, विजय सदैव सत्य के मार्ग पर चलने वालों की ही हुई है। अहंकार, असत्य और दुराचरण करने वालों का अंत होता आया है और कलयुग में भी होगा।
स्वामी जी ने धर्म को मानव जीवन का मार्गदर्शक बताते हुए कहा कि धर्म ही हमें सत्कर्म करने और सदाचारी बनने की प्रेरणा देता है। उन्होंने इतिहास के विभिन्न युगों का हवाला देते हुए बताया कि सतयुग से लेकर कलियुग तक, सत्य और धर्म की जीत होती रही है। लेकिन आजकल अहंकार, असत्य और दुराचार बढ़ने के कारण कलियुग का अंत निकट आ रहा है।
स्वामी जी ने गीता और वेदों के उदाहरण देते हुए कहा कि हमारे धार्मिक ग्रंथों में जो कुछ लिखा है, वह सत्य है। उन्होंने आगाह किया कि कलियुग के अंत के साथ ही दुनिया का नाश भी हो सकता है। विश्व के कई देशों में राजनेताओं का अहंकार बढ़ रहा है, जिससे युद्ध और परमाणु हमले का खतरा पैदा हो गया है। उन्होंने कहा कि कलियुग में कलह और द्वेष बढ़ेगा, खान-पान दूषित होगा और बीमारियां फैलेंगी।
स्वामी जी ने सभी भक्तों को भगवान श्रीकृष्ण के आदर्शों को अपनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि केवल श्रीकृष्ण के बताए मार्ग पर चलकर ही हम आने वाले सतयुग में प्रवेश कर पाएंगे। धर्म के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि हमें धर्म के मार्ग पर चलकर ही मानवता को बचा सकते हैं।