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सरस्वती विद्या मंदिर में धूमधाम से मनाया गया राज्य स्थापना दिवस

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हरिद्वार: भेल सेक्टर-2 स्थित सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कालेज में उत्तराखंड स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया गया। स्थापना दिवस के अवसर पर विद्यालय में निबंध प्रतियोगिता, कला प्रतियोगिता, रंगोली प्रतियोगिता एवं पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के कार्यक्रम अधिकारी दीपक कुमार धीमान के नेतृत्व में एनएसएस स्वयंसेवियों ने रैली निकालकर समाज को ग्रीन उत्तराखंड तथा क्लीन उत्तराखंड के स्लोगन द्वारा जागरूक किया तथा गंगा स्वच्छता कार्यक्रम में भी भाग लिया। विद्यालय के प्रधानाचार्य लोकेंद्र दत्त अंथवाल ने वर्चुअल रूप से सभी छात्र-छात्राओं को राज्य स्थापना दिवस पर की बधाई दी। उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड प्राकृतिक सुंदरता की भूमि है। विद्यालय के वरिष्ठ आचार्य प्रवीण कुमार ने मां सरस्वती के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। संचालन करते हुए आचार्य अमित पृथक उत्तराखंड की मांग को लेकर वर्षों चले आंदोलन के बाद 9नवम्बर 2000 को उत्तराखंड 27वें राज्य के रूप में अस्तित्व में आया। वर्ष 2000से लेकर 2007 तक इसे उत्तरांचल के नाम से जाना जाता था। लेकिन 2007 के बाद लोगों की भावनाओं का सम्मान करते हुए इसका आधिकारिक नाम बदलकर उत्तराखंड कर दिया गया। आचार्य अनुज ने कहा कि उत्तराखंड का गठन यहां के लोगों के लिए एक सपने के सच होने जैसा था और यह दिन उस खुशी के पल की याद दिलाता है। लेकिन राज्य स्थापना दिवस सिर्फ अपने अतीत का जश्न मनाने के बारे में नहीं है। यह भविष्य की ओर देखने,प्रगति पर विचार करने,उपलब्धियों को स्वीकार करने और उन क्षेत्रों की पहचान करने का दिन है जहां हमें और अधिक मेहनत करने की आवश्यकता है। उत्तराखंड स्थापना दिवस उत्सव,चिंतन और संकल्प का दिन है। इस दिन मेहनती पुरुषों और महिलाओं,किसानों, सैनिकों,शिक्षकों,कलाकारों और उन सभी लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करें जिन्होंने उत्तराखंड को एक अद्भुत राज्य बनाने में योगदान दिया।

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