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आपदा प्रबन्धन,खोज-बचाव व प्राथमिक उपचार,अग्निसुरक्षा विषय पर सात दिवस प्रशिक्षण

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हरिद्वार:  जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी मीरा रावत ने अवगत कराया कि उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण एवं जनपद आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण हरिद्वार के संयुक्त तत्वावधान में 22 से 28दिसम्बर तक सात दिवसीय आपदा प्रबन्धन,खोज-बचाव व प्राथमिक उपचार सडक सुरक्षा,अग्निसुरक्षा विषय पर पर प्रशिक्षण कार्यक्रम का पतंजलि गुरुकुलम,औरंगाबाद में आयोजित किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में 100एन.सी.सी.कैडेट्स द्वारा प्रतिभाग किया गया। 22दिसम्बर को प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारम्भ कर्नल विनय मल्होत्रा,31वीं यू.के.बलाटियन,एन.सी.सी.तथा सुश्री मीरा रावत,आपदा प्रबन्धन अधिकारी द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में मास्टर ट्रेनर,मनोज कण्डिलया,आपदा प्रबन्धन ने प्रतिभागियों को आपदा प्रबन्धन अधिनियम,2005 तथा विभिन्न प्रकार की आपदाओं के सम्बन्ध में जानकारी तथा उससे बचाव के तरीकों के बारे में जानकारी प्रदान की गयी। साथ ही अग्निशमन विभाग द्वारा प्रतिभागियों को आग के प्रकार तथा आग से बचाव व बुझाने के तरीकों के सम्बन्ध में सैद्धांतिक व प्रयोगात्मक जानकारी दी गयी। वन विभाग द्वारा वनाग्नि सुरक्षा तथा वनों में लगने वाली आग से होने वाली क्षति के सम्बन्ध में तथा मानव वन्यजीव संघर्ष से बचाव के सम्बन्ध में भी जानकारी दी गयी। प्रशिक्षण कार्यक्रम में एन.डी.आर.एफ.टीम द्वारा रासायनिक ,बॉयोलॉजिक,रेडियोलॉजिकल एवं न्यूक्लीयर आपदाओं से बचाव के सम्बन्ध में जानकारी दी गयी। एस.डी.आर.एफ.टीम द्वारा आपदा खोज एवं बचाव,प्राथमिक उपचार के सम्बन्ध में जानकारी दी गयी। सम्भागीय परिवहन अधिकारी श्रीमती रश्मि पंत ने कैडेट्स को सडक सुरक्षा एवं यातायात के नियमों के पालन व वाहन चलाने हेतु आवश्यक दस्तावेजों के सम्बन्ध में जानकारी प्रदान की गयी। इसके अतिरिक्त आपदा प्रबन्धन अधिकारी ने बताया कि जनपद हरिद्वार भूकम्प एवं बाढ़ के प्रति संवेदनशील है। उन्होंने प्रतिभागियो बाढ़ व भूकम्प जैसी आपदाओं के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी प्रदान करते हुए किसी आपदा की स्थिति में सूचना तत्काल आपदा कंट्रोल के दूरभाष नं० 01334-223999,7055258800 देने हेतु अनुरोध किया। प्रशिक्षण के समापन सत्र में कर्नल विनय मल्होत्रा द्वारा सभी प्रतिभागियों से फीडबैंक/सुझाव लिए गये,प्रतिभागियों द्वारा प्रशिक्षण को अत्यन्त उपयोगी व महत्तवपूर्ण बताया गया। ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रमों को समय-समय पर आयोजित किये जाने का सुझाव दिया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किये गये।

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