विक्रम संवत और हिंदू माह हमारी सांस्कृतिक धरोहर का अभिन्न अंग-पुष्कर सिंह धामी
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देहरादून, (मीडिया सूत्र): उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए राज्य में सरकारी अधिसूचनाओं, राजपत्र अधिसूचनाओं, उद्घाटन पट्टिकाओं और शिलान्यास पट्टिकाओं में विक्रम संवत और हिंदू माह (जैसे फाल्गुन, कृष्ण पक्ष/शुक्ल पक्ष) का उल्लेख अनिवार्य कर दिया है। यह निर्णय भारतीय संस्कृति और परंपरा के प्रति सम्मान को दर्शाता है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग को तत्काल आवश्यक आदेश जारी करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि विक्रम संवत और हिंदू माह हमारी सांस्कृतिक धरोहर का अभिन्न अंग हैं और इन्हें सरकारी दस्तावेजों में शामिल करना हमारी परंपराओं के प्रति सम्मान का प्रतीक है।
इस निर्णय का मुख्य उद्देश्य सरकारी कामकाज में भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों और परंपराओं को बढ़ावा देना है। विक्रम संवत और हिंदू माह का उल्लेख सरकारी दस्तावेजों को अधिक समावेशी और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध बनाएगा।
विक्रम संवत का महत्व
विक्रम संवत भारत का प्राचीन कैलेंडर है, जो राजा विक्रमादित्य द्वारा शुरू किया गया था। यह कैलेंडर चंद्र और सौर गणनाओं पर आधारित है और भारतीय संस्कृति में इसका विशेष महत्व है।
हिंदू माह भारतीय संस्कृति में विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों के लिए महत्वपूर्ण हैं। इन माहों का उल्लेख सरकारी दस्तावेजों में हमारी सांस्कृतिक विविधता को दर्शाता है।
मुख्यमंत्री धामी के इस निर्णय से भविष्य में जारी होने वाली सभी सरकारी अधिसूचनाओं, शिलान्यास पट्टिकाओं और उद्घाटन पट्टिकाओं में पारंपरिक कालगणना मानकों को शामिल किया जा सकेगा। यह निर्णय सरकारी कामकाज में भारतीय संस्कृति और परंपराओं को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।