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गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय में युवा संसद 2025 का भव्य आयोजन

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हरिद्वार, 10 अप्रैल 2025: गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय, हरिद्वार में बीते 9 अप्रैल 2025 को युवा संसद 2025 का आयोजन अत्यंत उत्साह और गरिमापूर्ण वातावरण में संपन्न हुआ। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य युवाओं को लोकतांत्रिक प्रक्रिया से परिचित कराना, उन्हें अपने विचारों को व्यक्त करने के लिए एक मंच प्रदान करना और राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर रचनात्मक संवाद को प्रोत्साहित करना था।
कार्यक्रम का शुभारंभ विश्वविद्यालय की माननीय कुलपति प्रोफेसर हेमलता के., कुलसचिव प्रो. सुनील कुमार, श्री मदन कौशिक (विधायक हरिद्वार), डॉ. आर. के. शुक्ला, डीन डीएसडब्ल्यू डॉ. रवीन्द्र कुमार और डिप्टी डीन डीएसडब्ल्यू द्वारा दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। इस अवसर पर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर हेमलता ने कार्यक्रम के सभी आयोजकों और छात्रों को हार्दिक बधाई दी और भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रमों को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आयोजन न केवल युवाओं को राजनीतिक रूप से जागरूक करते हैं, बल्कि उनमें नेतृत्व क्षमता, संवाद कौशल और लोकतांत्रिक मूल्यों की स्थापना में भी सहायक होते हैं। विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. सुनील कुमार ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी अतिथियों का आत्मीय स्वागत किया और कार्यक्रम की सफलता की कामना की।
उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में हरिद्वार के लोकप्रिय विधायक श्री मदन कौशिक उपस्थित रहे। उन्होंने उपस्थित सभी प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत एक युवा देश है और राष्ट्र के विकास में युवाओं की अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस युवा संसद के माध्यम से युवा संसद की कार्यप्रणाली को समझेंगे और देश के आंतरिक विषयों के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करेंगे। उन्होंने युवाओं को लोकतंत्र की गहरी समझ विकसित करने और राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया।
आज की इस युवा संसद 2025 के माननीय सभापति के रूप में डॉ. जगराममोहन भटनागर और उपसभापति के रूप में डॉ. कपिल मिश्रा ने गरिमापूर्ण ढंग से कार्यवाही का संचालन किया। जूरी सदस्यों के रूप में डॉ. निखिल रंजन, डॉ. अनुराग वत्स, डॉ. मनील, डॉ. ऋतु अरोरा और डॉ. राहुल भारद्वाज ने निष्पक्ष मूल्यांकन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
युवा संसद के पहले और दूसरे सत्र में, छात्र रूपी सभी सांसदों ने समान नागरिक संहिता, जाति जनगणना, एक राष्ट्र एक चुनाव, सोशल मीडिया और भारतीय ज्ञान परंपरा जैसे ज्वलंत राष्ट्रीय मुद्दों के पक्ष और विपक्ष में अपने विचार आत्मविश्वास और तार्किक ढंग से प्रस्तुत किए। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और संसद की कार्यवाही का जीवंत प्रदर्शन किया।
सभी प्रतिभागियों ने चुने गए विषयों पर गहन शोध किया था और अपने तर्कपूर्ण भाषणों और प्रभावी प्रस्तुतियों से दर्शकों और निर्णायक मंडल को समान रूप से प्रभावित किया। इस क्रम में, मानसी भार्गव ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ विषय पर अपने सुविचारित विचार रखे और एक उत्कृष्ट प्रस्तुति दी। वहीं, सागर चौहान ने ‘सोशल मीडिया’ विषय पर बड़े ही जोश और स्पष्टता के साथ अपने विचार साझा किए। इसके अतिरिक्त, देव सिंह राणा ने ‘जाति जनगणना’ के विषय पर अपनी गहरी समझ और दृष्टिकोण प्रस्तुत किया। सत्र के प्रश्नकाल में, सभी छात्र सांसदों ने ध्यानपूर्वक पक्ष और विपक्ष के तर्कों को सुना और सारगर्भित प्रश्न पूछे, जिससे सार्थक संवाद को बढ़ावा मिला।
युवा संसद के द्वितीय सत्र में, अंजलि मौर्य और अनुकेश हलधर ने ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस’ विषय के विपक्ष में अपने विचार रखे और इससे जुड़ी अपनी चिंताओं को व्यक्त किया। आलोक कुमार झा ने ‘भारतीय ज्ञान परंपरा’ विषय के अंतर्गत प्राचीन भारतीय शिक्षा के गौरवशाली केंद्र तक्षशिला और नालंदा की विशिष्टताओं का उल्लेख किया। अर्जुन ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ अपनी प्रस्तुति की शुरुआत की और भारतीय ज्ञान परंपरा के महत्व और भविष्य में इसे आगे बढ़ाने के विचारों को साझा किया। मयंक सैनी ने भारतीय ज्ञान परंपरा को विश्व की सबसे महान परंपरा बताते हुए अपने भावों को व्यक्त किया और भारत की समृद्ध और विविध परंपराओं पर सभी का ध्यान आकर्षित किया। ए. एम. संजीव ने ‘समान नागरिक संहिता’ के पक्ष में अपने तर्कों को मजबूती से रखा।
कार्यक्रम के समापन समारोह में श्री संजय चतुर्वेदी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उनके साथ प्रो. राकेश जैन (वित्त अधिकारी), प्रो. नवनीत और श्री पदम जी जैसे गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।
इस सफल कार्यक्रम का आयोजन डॉ. आर. के. शुक्ला, डॉ. रविंदर कुमार, डॉ. लोकेश कुमार जोशी और डॉ. हिमांशु पंडित के कुशल नेतृत्व में संपन्न हुआ। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के सभी शोधार्थी और छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में उपस्थित रहे और उन्होंने युवा संसद की कार्यवाही को ध्यानपूर्वक सुना और सराहा। यह आयोजन निश्चित रूप से विश्वविद्यालय के छात्रों के बीच लोकतांत्रिक मूल्यों और राष्ट्रीय मुद्दों के प्रति जागरूकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

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