गुहार: मातृसदन के संतों को सुरक्षा उपलब्ध कराए प्रशासन- सुखदेव सिंह विर्क
1 min readएसआईटी के सदस्य नहीं आए अभी तक आश्रम में- स्वामी शिवानंद
आश्रम में संदिग्ध लोगों के घुसने और षड्यंत्र रचे जाने के मामले को लेकर मातृसदन के पक्ष में आई किसान यूनियन
हरिद्वार। कनखल क्षेत्र के जगजीतपुर स्थित मातृ सदन आश्रम में लगातार संदिग्ध लोगों के घुसने के साथ ही संतों के खिलाफ षडयंत्र रचे जाने के मामले के बाद भारतीय किसान मजदूर उत्थान यूनियन मातृ सदन के संतों के पक्ष में आ गई है। यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सरदार सुखदेव सिंह विर्क ने जिलाधिकारी को मेल के माध्यम से पत्र भेजा है। उन्होंने मातृ सदन के संतों को सुरक्षा उपलब्ध कराने की मांग की है। साथ ही आश्रम के आसपास भी कड़ा पहरा रखने का अनुरोध किया है। गुरुवार को मातृसदन आश्रम में पत्रकारों से वार्ता करते हुए स्वामी शिवानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि षड़यंत्र रचे जाने के मामले में एसआईटी का गठन तो कर दिया था। सात दिन के अंदर टीम को जांच रिपोर्ट देने के आदेश किए गए थे, लेकिन अभी तक भी कोई जांच दल इस संबंध में आश्रम में नहीं आया है। जब इस मामले को लेकर एसपी से बात की गई तो उनका साफ कहना था कि वह किसी और मामले में लगे हैं। उन्होंने नाराजगी जताते हुए कहा कि अफसरों को इस तरह का जवाब देना सोभा नहीं देता है। ये एक बहुत गंभीर मामला है। इसे अधिकारियों को गंभीरता से लेना चाहिए। भारतीय किसान मजदूर उत्थान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सरदार सुखदेव सिंह विर्क ने मातृसदन के खिलाफ षड्यंत्र रचे जाने की निंदा करते हुए कहा कि भारतीय किसान मजदूर उत्थान यूनियन के राष्ट्रीय संरक्षक एवं मातृ सदन के संस्थापक स्वामी शिवानंद सरस्वती महाराज को तत्काल सुरक्षा उपलब्ध कराई जाए। क्योंकि मातृ सदन के खिलाफ लगातार षड्यंत्र रचा जा रहा है। कई संदिग्ध लोग आश्रम में घुस चुके हैं। राष्ट्रीय महासचिव इरशाद अली और प्रदेश प्रवक्ता राजेंद्र प्रसाद त्रिपाठी ने कहा कि मातृ सदन आश्रम के संत लगातार गंगा की अविरलता और निर्मलता के लिए संघर्ष करते आ रहे हैं। गंगा को बचाने के लिए अवैध खनन के लिए भी संत मुखर होकर आवाज उठाते रहते हैं। इसलिए मातृ सदन के खिलाफ इस तरह के षड्यंत्र रचे जा रहे हैं। स्वामी शिवानंद महाराज के प्रयासों से ही वन क्षेत्र की 108 हेक्टेयर वन भूमि को उच्च न्यायालय के माध्यम से उन्हें वापस दिलवाया गया था। इस भूमि पर अर्द्धकुंभ और कुंभ, कावड़ मेले जैसे आयोजन होते हैं। उन्होंने कहा कि मातृ सदन के संत लगातार जनहित की लड़ाई को लड़ रहे हैं। उनके लगातार आवाज उठाने के कारण माफियाओं से उनकी सुरक्षा को खतरा है। इसलिए उन्हें सुरक्षा उपलब्ध कराया जाना बेहद जरूरी है।