भारतीय अध्यात्म के प्रतिनिधि बनने का समय: डॉ चिन्मय पण्ड्या
1 min readराजस्थान के कार्यकर्ताओं का पांच दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का समापन
हरिद्वार।देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पण्ड्या ने कहा कि यह समय विषय परिस्थितियों से गुजर रहा है। एक ओर विनाशकारी अंधेरा दिख रहा है, तो वहीं दूसरी ओर भगवान महाकाल के सृजन सैनिक समाज को प्रकाशित करने में जुटे दिखाई दे रहे हैं। यह समय भारतीय अध्यात्म के प्रतिनिधि बनकर समाज, विश्व को नई देने का सुनहरा अवसर है। भारत गौरव अवार्ड से सम्मानित डॉ.पण्ड्या राजस्थान से आये पूर्ण समयदानी कार्यकर्त्ता प्रशिक्षण शिविर के समापन सत्र को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर जयपुर, अलवर, राजसमंद, बाराँ,भीलवाड़ा,जोधपुर सहित राजस्थान के सभी जिलों के करीब चार सौ से अधिक पूर्ण समयदानी परिव्राजक भाई बहिन उपस्थित रहे। प्रतिकुलपति डॉ.चिन्मय पण्ड्या ने कहा कि युगऋषि आचार्यजी ने करोड़ों लोगों के दिलों को छुआ और उनमें सकारात्मक परिवर्तन किया है। ताकि वे युवाओं, नारियों एवं समाज के प्रत्येक वर्ग में सकारात्मक परिवर्तन के लिए कार्य कर सकें, जिससे परिवार, समाज व राष्ट्र का उत्थान हो। उन्होंने कहा कि यदि हरेक व्यक्ति को अपनी भूमिका का सही-सही भान हो जाय, तो उनका मानव जीवन में आना सार्थक हो सकेगा। इससे पूर्व प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए व्यवस्थापक महेन्द्र शर्मा ने समाज के नवनिर्माण की तैयारी में जुटने का आवाहन किया। श्री शर्मा ने गायत्री परिवार के संस्थापक युगऋषि पूज्य पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी के दिव्य स्वप्न मानव में देवत्व को उदय और धरती पर स्वर्ग के अवतरण जैसे अभियानों को तन,मन व धन से पूरा करने के लिए प्रेरित किया। राजस्थान जोन के समन्वयक इंजीनियर जयसिंह यादव ने राजस्थान के गाँव-गाँव में प्रज्ञा मण्डल,युवा मण्डल एवं महिला मण्डल का गठन कर समाज के प्रत्येक वर्ग को सभ्य व सुसंस्कृत बनाने की दिशा में कार्यक्रमों की रूपरेखा समझाई। शिविर समन्यक ने बताया कि पाँच दिन तक चले इस प्रशिक्षण में शिविर में कुल चौदह सत्र हुए। जिसमें डॉ. ओपी शर्मा,डॉ.गायत्री शर्मा,श्यामबिहारी दुबे,योगेन्द्र गिरी,नमोनारायण पाण्डेय,अशरणशरण श्रीवास्तव आदि विषय विशेषज्ञों ने मार्गदर्शन दिया।