आक्रोश: धर्म विरोधी ताकतों को मूंहतोड़ जवाब देगा संत समाज:श्रीमहंत रविंद्रपुरी
1 min readसनातन धर्म पर किए जा रहे कुठाराघात के खिलाफ एकजुट हुआ संत समाज
हरिद्वार। संत समाज ने सनातन धर्म पर किए जा रहे कुठाराघात के खिलाफ एकजुट होकर संघर्ष करने का ऐलान किया है। स्वामी आदियोगी महाराज के शिव अनुष्ठान के समापन पर ज्वालापुर स्थित एक होटल के सभागार में आयोजित संत समागम की अध्यक्षता करते हुए अखाड़ा परिषद अध्यक्ष एवं मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि सनातन धर्म की रक्षा के लिए आदि गुरू शंकराचार्य द्वारा स्थापित अखाड़ों में कड़े परिश्रम व प्रशिक्षण के उपरांत सन्यासी तैयार किए जाते हैं। जब-जब भी देश व धर्म पर संकट आया है। अखाड़ों के संतों ने आगे बढ़कर अपना कर्तव्य निभाते हुए धर्म व देश की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व अर्पण किया है। श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि कुछ लोगों द्वारा सनातन धर्म की मनमानी व्याख्या कर हिंदू समाज को विघटित करने का प्रयास किया जा रहा है। जिसके खिलाफ सभी अखाड़े एकजुट होकर देशव्यापी अभियान चलाएंगे और धर्म विरोधी ताकतों को मूंहतोड़ जवाब देंगे। महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद महाराज ने कहा कि देश में वैदिक सनातन धर्म को अपमानित करने का जो षड़यंत्र चल रहा है,जिसका संत समाज पूरी ताकत के साथ जवाब देगा। महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरी एवं निरंजनी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रामरतन गिरी ने कहा कि आदि अनादि काल से वैदिक सनातन धर्म अक्षुण्ण रहा है। कोई कितने भी षड़यंत्र कर ले। वैदिक सनातन धर्म अखण्ड रहेगा। निर्मल अखाड़े के कोठारी महंत जसविन्दर सिंह ने कहा कि शाश्वत सनातन धर्म ने हमेशा ही दुनिया को प्रेम,स्नेह व भाईचारे का संदेश दिया है,देश हमेशा एक और अखण्ड रहेगा। सनातन धर्म पर कुठाराघात करने वालों के मंसूबे कभी पूरी नहीं होने दिए जाएंगे। महंत राघवेंद्र दास ने कहा कि संत समाज ने वैदिक सनातन धर्म संस्कृति के संरक्षण संवर्द्धन में हमेशा ही योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि धर्म संस्कृति पर किसी प्रकार का आघात संत समाज सहन नहीं करेगा। सतपाल ब्रह्मचारी व महंत रूपेंद्र प्रकाश ने कहा कि सनातन धर्म संस्कृति की रक्षा के लिए संत समाज सर्वस्व अर्पण करने को तैयार है। महंत दर्शन भारती व बाबा हठयोगी ने कहा कि संत समाज सनातन धर्म को मिटाने की कोशिशों को कभी कामयाब नहीं होने देगा। स्वामी आदियोगी महाराज ने सभी संत महापुरूषों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि वैदिक सनातन धर्म की रक्षा के लिए अखाड़ा परंपरा का सूत्रपात करने वाले आदिगुरू शंकराचार्य की विशाल प्रतिमा हरिद्वार में स्थापित की जाएगी। जिससे युवा पीढ़ी को प्रेरणा मिलेगी। इस दौरान सभी संत महंतों ने अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी को पगड़ी पहनाकर विशेष रूप से सम्मानित किया। जबकि श्रीमहंत रविंद्रपुरी द्वारा स्वामी आदि योगी को भी पगड़ी पहनाकर आशीर्वाद दिया। संत समागम के दौरान श्रीगंगासभा अध्यक्ष नितिन गौतम ने हरिद्वार की विशिष्ट पहचान कायम करने के लिए सभी से अभिवादन में हर हर गंगे का उच्चारण करने का आह्वान किया। जिस पर सहमति व्यक्त करते हुए संत समाज ने लोगों को प्रेरित करने के लिए अभियान चलाने का निर्णय लिया। सुनील सैनी,,डा.विशाल गर्ग,अमित वालिया,विनीत शर्मा,रनदेव,आशु,रूद्र वालिया, कुलदीप वालिया ने सभी संतों का फूलमाला पहनाकर स्वागत किया। इस दौरान श्रीमहंत रविंद्रपुरी,स्वामी हरिचेतनानंद,स्वामी ललितानंद गिरी,श्रीमहंत रामरतन गिरी,कोठारी महंत जसविन्दर सिंह,महंत दर्शन भारती,कोठारी महंत राघवेंद्र दास,महंत रूपेंद्र प्रकाश,बाबा हठयोगी,सतपाल ब्रह्मचारी,महंत प्रबोधानंद गिरी, संत सूर्यदास,महंत मनीष खत्री,स्वामी राजगिरी,महंत निर्भय सिंह,स्वामी केशवानंद सहित कई संत महापुरूष मौजदू रहे।